प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?

प्रकृति ने जल संचय की बड़ी ही उत्तम व्यवस्था की है। जाङे के दिनों में जहाँ हिम ग्लैशियर जम जाते हैं वहीं गर्मी के मौसम में वे पिघल कर जल प्रदान करते हैं| यह जल फिर नदियों में जल की मात्रा को बढ़ाकर हमारे किसानों को खेती योग्य आवश्यक जल उपलब्ध कराता है। साथ ही जल में परिवर्तित हिम नदियों के माध्यम से देश के अन्य भागों में पहुँचकर आम लोगों को पीने एवं अन्य कार्यों के लिए आवश्यक जल उपलब्ध कराता है| फिर जाङे में यह जल पुनः जम जाता है और यह चक्र निरंतर चलता ही रहता है।


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